
टाटा मोटर्स ने DIMO के साथ मिलकर आज श्रीलंका में अपनी नई पैसेंजर वाहन चेन लॉन्च की। इस लाइनअप में आंतरिक दहन इंजन (ICE) और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) दोनों शामिल हैं, जिनमें टाटा पंच, नेक्सन और कर्व एसयूवी के साथ टियागो.ev इलेक्ट्रिक हैचबैक भी पेश किया गया।
टाटा की विस्तारित ईवी पोर्टफोलियो की झलक भी दिखाई गई, जिसमें पंच.ev, नेक्सन.ev और कर्व.ev मॉडल शामिल था। इससे टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में मजबूत क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ।
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रमुख यश खंडेलवाल ने इस लॉन्च को टाटा मोटर्स की अंतरराष्ट्रीय व्यापार रणनीति में "नया अध्याय" बताया। उन्होंने कहा कि ये वाहन डिज़ाइन, फीचर्स, सुरक्षा और आफ्टर-सेल्स सपोर्ट का बेहतरीन संयोजन हैं। खासतौर पर टियागो.ev, जिसे पहले ही भारत, नेपाल और भूटान में लॉन्च किया जा चुका है, श्रीलंका के बाजार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
DIMO के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव पंडितगे ने कहा कि श्रीलंका के बाजार के दोबारा खुलने के बाद टाटा मोटर्स पहला पैसेंजर वाहन ब्रांड है जिसने यहां प्रवेश किया है। उन्होंने नई गाड़ियों की किफायती कीमत और DIMO द्वारा आफ्टर-सेल्स सेवा पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
आईसीई वाहनों के लिए तीन साल या 1,00,000 किमी की वारंटी दी जा रही है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर तीन साल या 1,25,000 किमी की वारंटी मिलेगी। इसके अलावा, ईवी के हाई-वोल्टेज बैटरी और मोटर पर आठ साल या 1,65,000 किमी तक की वारंटी दी जा रही है। DIMO 24x7 रोडसाइड असिस्टेंस और तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी।
टाटा मोटर्स हाल के वर्षों में अपने अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर ध्यान दे रही है, खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में। भारत के ईवी बाजार में टाटा मोटर्स की लगभग 70% की हिस्सेदारी है, जिससे वह इस क्षेत्र की अग्रणी कंपनी बनी हुई है। वर्ष 2022 में लॉन्च की गई टियागो.ev को उस समय भारत में सबसे किफायती इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में पेश किया गया था।
हाल ही में आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के बाद श्रीलंका अपने ऑटोमोबाइल बाजार को फिर से खोलने और स्थिर बनाने का प्रयास कर रहा है। देश, स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने और ईंधन आयात पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रहा है।
यह लॉन्च टाटा मोटर्स की रणनीति को दर्शाता है, जिसके तहत वह दक्षिण एशियाई बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत करने और इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से टिकाऊ परिवहन के विकल्पों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।