टाटा मोटर्स भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। हाल ही में हुई एक बैठक में कंपनी ने कहा कि भारत में ईवी की मांग लगातार बढ़ रही है और इससे टाटा मोटर्स को आगे बढ़ने का और मौका मिलेगा।
टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (TPEML) के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेश चंद्र ने बताया कि कंपनी के पास ₹8 लाख से ₹22 लाख तक की इलेक्ट्रिक कारों का बड़ा कलेक्शन है। उन्होंने कहा, "हमारे पास हर बजट के लिए एक इलेक्ट्रिक गाड़ी है, जिससे हम बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रख सकते हैं।"
शैलेश चंद्र ने कहा कि ज्यादातर कंपनियां ₹18 लाख से ज्यादा कीमत वाली ईवी गाड़ियां बना रही हैं, जिससे उस सेगमेंट में भीड़ बढ़ रही है। लेकिन टाटा मोटर्स की खासियत यह है कि वह ₹12 लाख से कम कीमत वाले ईवी सेगमेंट में मजबूत स्थिति में है, जहां ज्यादा कंपनियां नहीं हैं। इसी वजह से टाटा अब छोटे शहरों जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी अपने इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना बना रही है।
टाटा मोटर्स ने Q3 तिमाही में 200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें बेचीं, जिससे अब तक कंपनी 3,500 से ज्यादा बसें बेच चुकी है। इसके अलावा, हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCV) सेगमेंट में 7,200 से अधिक ACE EV बेची गईं, जिसमें 26% की बढ़त दर्ज की गई।
हालांकि, टाटा मोटर्स ने माना कि सरकार द्वारा FAME II सब्सिडी हटाने से फ्लीट ईवी की बिक्री घटी है। कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट धिमान गुप्ता ने बताया, "निजी ग्राहकों की ईवी खरीद 15% बढ़ी है, लेकिन कुल ईवी बिक्री सिर्फ 6% बढ़ी है क्योंकि फ्लीट वाहनों की बिक्री घटी है।"
प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बावजूद टाटा मोटर्स ने 53% से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी बनाए रखी है। कंपनी का कहना है कि उसकी किफायती और ज्यादा रेंज देने वाली ईवी कारें लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं। आने वाले समय में, टाटा छोटे शहरों में भी विस्तार कर भारतीय ईवी बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने की योजना बना रही है।