
चेन्नई-त्रिची हाईवे पर MTC (मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) की इलेक्ट्रिक बसों की झलक ने परिवहन क्षेत्र में उत्सुकता बढ़ा दिया है। जर्मन बैंक द्वारा वित्तपोषित इन बसों को 'विदियाल पेरुंथु पयाना तित्तम' योजना के तहत चलाया जाएगा, जिसमें महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।
प्रत्येक बस में 35 सीटें और एक व्हीलचेयर-अनुकूल स्थान होगा। बसों को पूरी तरह चार्ज होने में 60 से 120 मिनट का समय लगेगा, जबकि अंतिम स्टॉप पर 10 से 30 मिनट की क्विक चार्जिंग सुविधा भी दी जाएगी। इसके लिए पल्लवन इलम और अडयार समेत कई डिपो में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड किया जा रहा है।
यह लो-फ्लोर बसें 950 इलेक्ट्रिक बसों के फ्लीट का हिस्सा हैं, जिसमें पहले चरण में 625 AC और नॉन-AC बसें शामिल होंगी। अशोक लीलैंड द्वारा त्रिची में निर्मित इन बसों को अंतिम चरण की प्रक्रिया के लिए ओरगडम स्थित स्विच मोबिलिटी प्लांट भेजा गया है।
स्विच मोबिलिटी, जो अशोक लीलैंड की इलेक्ट्रिक वाहन शाखा है, इन बसों का संचालन ग्रॉस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (GCC) मॉडल के तहत कर सकती है। इस मॉडल में सरकार प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान करेगी, जबकि बसों का संचालन और मेंटेनेंस एक निजी कंपनी के जिम्मे होगा। MTC के चालक इन बसों को नहीं चलाएंगे, बल्कि यह जिम्मेदारी ऑपरेटर के पास होगी।