
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता काज़म ने युमा एनर्जी के साथ साझेदारी की घोषणा की है, जिसके तहत भारत भर के "पार्क एंड चार्ज" हब्स में बैटरी-स्वैपिंग की सुविधा जोड़ी जाएगी। इसकी शुरुआत बेंगलुरु के महादेवपुरा केंद्र से हो चुकी है और यह सेवा जल्द ही काज़म के देशभर के नेटवर्क में विस्तारित की जाएगी।
यह साझेदारी खासतौर पर डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स से जुड़े ईवी ड्राइवरों को फायदा पहुंचाएगी, जो कुछ ही मिनटों में अपनी खाली बैटरी को पूरी तरह चार्ज बैटरी से बदल सकेंगे। काज़म वर्तमान में 10 राज्यों में 60 स्वामित्व वाले पार्क एंड चार्ज हब्स का संचालन कर रही है, जहां प्रतिदिन 3,000 से अधिक वाहन चार्ज होते हैं। इसके अलावा, ज़ाइप्प और बिगबास्केट जैसी कंपनियों के साथ मिलकर 200 अतिरिक्त सुविधाएं भी चलाई जा रही हैं।
काज़म के सीओओ और को-फाउंडर पारस शाह ने कहा, "यह साझेदारी हमारे 'लास्ट माइल डिलीवरी को डीकार्बोनाइज़' करने के मिशन के अनुरूप है। युमा के बैटरी-स्वैपिंग मॉड्यूल्स को हमारे पार्क एंड चार्ज हब्स में शामिल कर हम फ्लीट ऑपरेटर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए हरित परिवर्तन को आसान बना रहे हैं।"
युमा एनर्जी के हेड ऑफ रेवेन्यू और ऑपरेशंस दीपक नानवानी ने कहा, "काज़म की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता हमारे उन्नत बैटरी-स्वैपिंग स्टेशनों को तेज़ी से तैनात करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे ईवी यूज़र्स को तेज़ और सुविधाजनक ऊर्जा समाधान मिल सकेगा।"
काज़म की ‘पार्क एंड चार्ज’ सेवा, जो 2023 में शुरू हुई थी, EV चालकों को चार्जिंग के साथ-साथ विश्राम और ताजगी की सुविधाएं भी देती है। अब तक इन हब्स के जरिए 1 गीगावॉट-घंटा से अधिक ऊर्जा की आपूर्ति हो चुकी है, जिससे 2.2 करोड़ किलोमीटर तक का प्रदूषण रहित सफर संभव हो पाया है।
युमा एनर्जी, जो मैग्ना इंटरनेशनल और युलु बाइक्स की जॉइंट वेंचर है, बैटरी-एज़-ए-सर्विस मॉडल पर काम करती है और अब तक 2 करोड़ से अधिक बैटरी स्वैप पूरे कर चुकी है। कंपनी का औसत बैटरी स्वैप समय एक मिनट से भी कम है और इसका अपटाइम 99% बताया गया है।
भारत में ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एक प्रमुख चुनौती रही है। यह साझेदारी न सिर्फ रेंज एंग्जायटी को कम करेगी, बल्कि लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को गति देगी, जहां चार्जिंग का समय सीधे ऑपरेशनल उत्पादकता और ड्राइवर की आय को प्रभावित करता है।