बिहार में एक साल में 113% बढ़ा इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन

बिहार में एक साल में 113% बढ़ा इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन

बिहार में एक साल में 113% बढ़ा इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन
बिहार में इलेक्ट्रिक वाहनों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है, जहां 2024-25 में EV रजिस्ट्रेशन में 113% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सब्सिडी के ज़रिए EV अपनाने को बढ़ावा दे रही है।

बिहार में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की रफ्तार तेज़ी से बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिजली से चलने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 113 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राज्य परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष कुल 23,096 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए, जबकि 2023-24 में यह संख्या केवल 10,850 थी। यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि बिहार पर्यावरण अनुकूल परिवहन की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।

इन 23,096 रजिस्ट्रेशन में से 22,133 दोपहिया वाहन थे, जबकि 963 चारपहिया वाहन शामिल थे। दोपहिया वाहनों के पंजीकरण में 110.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष 10,500 थी। चारपहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 175 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई, जहां 2023-24 में केवल 350  पंजीकृत थे,  जो अधिकतर सरकारी अधिकारियों द्वारा खरीदी गई थीं।

परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बिहार की प्रगतिशील सोच पर ज़ोर देते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य केवल वाहनों को बदलना नहीं, बल्कि जीवनशैली में बदलाव लाकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है।" उन्होंने कहा कि बिहार जल्द ही देश का अग्रणी ईवी राज्य बन सकता है और लोगों से प्रदूषण मुक्त वातावरण के लिए योगदान देने की अपील की।

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य का लक्ष्य 2028 तक कुल वाहन पंजीकरण में 15 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों का करना है। उन्होंने कहा, "हम चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेज़ी से विस्तार कर रहे हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। पटना में फ्लाईओवर  और पुलों के नीचे चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा आवासीय परिसरों, पेट्रोल पंपों, सरकारी जमीन और निजी क्षेत्र में भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए बिजली दरों में रियायत दी जा रही है।"

उन्होंने बताया कि बिहार EV नीति 2023 के पहले ईवी का उपयोग ज्यादातर सरकारी अधिकारी करते थे, लेकिन अब आम मध्यमवर्गीय परिवार भी इसका लाभ उठा रहे हैं। "ईवी की परिचालन लागत पेट्रोल और डीज़ल के मुकाबले एक-तिहाई कम होती है,"।

राज्य के विभिन्न जिलों में भी ईवी को अपनाने को लेकर उत्साह देखा जा रहा है:

  • पटना: 5,633 EV पंजीकृत (4,963 दोपहिया, 670 चारपहिया), चार्जिंग सुविधा मेट्रो शहरों के बराबर।
  • गया: 1,821 EV (1,782 दोपहिया, 39 चारपहिया), पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा।
  • मुज़फ्फरपुर: 1,696 EV (1,624 दोपहिया, 72 चारपहिया), युवाओं और मध्यम वर्ग में लोकप्रिय।
  • मोतीहारी: 1,401 EV (1,395 दोपहिया, 6 चारपहिया), बढ़ती ईंधन कीमतों के चलते EV की मांग में इज़ाफा।
  • समस्तीपुर: 1,055 EV (1,051 दोपहिया, 4 चारपहिया), छात्र, शिक्षक और किसान EV अपना रहे हैं।

राज्य सरकार की EV नीति के तहत वाहनों पर छूट, टैक्स माफी और चार्जिंग स्टेशनों के विस्तार के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को अनुदान दिया जा रहा है। यह स्पष्ट है कि बिहार में ईवी क्रांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा चुका है।

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