
भारत सरकार ने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरियों के निर्माण में उपयोग होने वाले 35 और 28 कच्चे माल पर आयात शुल्क खत्म कर दिया है। इससे घरेलू कंपनियों को उत्पादन में मदद मिलेगी और उनकी लागत कम होगी। सरकार का यह कदम 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से कुछ भारतीय उत्पादों पर नए टैक्स (प्रत्युत्तरात्मक टैरिफ) लगाने का ऐलान किया है। इससे भारतीय कंपनियों पर असर पड़ सकता है। भारत सरकार पहले से ही इसकी तैयारी कर रही है, ताकि व्यापार को नुकसान न हो और भारतीय मैन्युफैक्चरिंग मजबूत बना रहे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2025 पेश करते हुए कहा कि "हम कच्चे माल पर शुल्क घटाकर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और निर्यात में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना चाहते हैं।" सरकार का यह फैसला मोबाइल और ईवी बैटरी उद्योग के विकास में मदद करेगा और भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाने में सहायक होगा।
भारत और अमेरिका व्यापार विवादों को हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत अमेरिका से आयात होने वाले $23 अरब (₹1.97 लाख करोड़) मूल्य के उत्पादों पर शुल्क कटौती के लिए तैयार है। सरकार का यह निर्णय देश के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूती देगा और भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएगा।