
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि भारत सरकार अब ट्रकों और अन्य कमर्शियल वाहनों के लिए भी सुरक्षा मूल्यांकन रेटिंग (सेफ्टी रेटिंग) शुरू करने की योजना बना रही है। यह पहल भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) की तर्ज पर होगी, जिसे अगस्त 2023 में शुरू किया गया था।
यह घोषणा ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (GNCAP) और सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (IRTE) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय वाहन और फ्लीट सुरक्षा कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान की गई।
गडकरी ने कहा, "इस पहल का उद्देश्य निर्माण क्वालिटी में सुधार कर वाहनों को और अधिक सुरक्षित बनाना है। खासकर ई-रिक्शा जैसे बैटरी चालित वाहनों की सुरक्षा में सुधार लाना आवश्यक है, जिससे इनकी गुणवत्ता बेहतर होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।"
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब 1.8 लाख लोगों की मौत होती है। गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा, सुरक्षित हाईवे का विस्तार, वाहनों की सुरक्षा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
ट्रक चालकों के लिए कार्य घंटे को नियंत्रित करने के लिए कानून लाने पर भी काम चल रहा है। वर्तमान में चालक औसतन 13-14 घंटे प्रतिदिन वाहन चलाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार देशभर में 32 अत्याधुनिक ड्राइविंग संस्थानों की स्थापना करने जा रही है। इसके अलावा ड्राइवर केबिन में एसी और एडवांस ड्राइवर-असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) को भी अनिवार्य किया गया है।
सरकार ने हाल ही में कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली छात्रों के लिए सड़क सुरक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया है, जो इस शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। साथ ही शंकर महादेवन द्वारा गाया गया रोड सेफ्टी एंथम 22 भाषाओं में अनुवादित कर पूरे देश में जागरूकता फैलाई जाएगी।
वर्कशॉप में 2000 से अब तक भारत और दुनिया में वाहन सुरक्षा में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी और 2030 तक के लिए प्राथमिक कार्यों की पहचान की जाएगी। IRTE के अध्यक्ष डॉ. रोहित बालूजा ने बताया कि इस बैठक में G20 देशों द्वारा वाहन सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी, जिसमें फ्लीट और मोटरसाइकिल सुरक्षा पर विशेष सत्र होंगे।
GNCAP के प्रेसिडेंट एमेरिटस डेविड वार्ड ने कहा, "भारत में उपभोक्ताओं के पास अब अधिक सुरक्षित वाहनों का विकल्प है, जो GNCAP और Bharat NCAP की रेटिंग के आधार पर उपलब्ध हैं। यह संयुक्त राष्ट्र के 2030 रोड सेफ्टी लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है।"
कमर्शियल वाहनों के लिए सेफ्टी रेटिंग का विस्तार भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में सुरक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।