
दिल्ली परिवहन विभाग इस वर्ष अपनी बस फ्लीट में 2,080 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने जा रहा है। फिलहाल राजधानी की सड़कों पर लगभग 7,000 बसें संचालित हो रही हैं, लेकिन इनमें से करीब 1,000 पुरानी बसों को इस साल हटाया जाना है, जिनमें से कुछ पहले ही सेवा से बाहर हो चुकी हैं।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हमने 1,040 बसों की खरीद के लिए पांच अलग-अलग कंसेशनर्स के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। दूसरी खेप की 1,040 बसों के लिए भी जल्द ही समझौते किए जाएंगे। ये नई बसें, पुरानी बसों के हटने से जो अंतर आएगा, उसे भरेंगी।”
इस योजना के तहत पहले चरण में 1,040 इलेक्ट्रिक बसें केंद्र सरकार की नेशनल इलेक्ट्रिक बस प्रोग्राम (NEBP) के अंतर्गत लाई जाएंगी। यह योजना देशभर में ई-बसों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
दूसरी खेप की 1,040 बसें प्रधानमंत्री ई-ड्राइव (PM E-DRIVE) योजना के तहत आएंगी, जिसका उद्देश्य 9 प्रमुख शहरों (जिनकी आबादी 40 लाख से अधिक है) में 14,000 से अधिक ई-बसों को प्रोत्साहित करना है।
अधिकारी ने विश्वास जताया कि “हम दिसंबर तक बसों को शामिल कर लेंगे और यह प्रक्रिया सार्वजनिक परिवहन में स्थायित्व लाने में मददगार होगी।”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने बजट भाषण में कहा था कि शहरी परिवहन परियोजनाएं केंद्र सरकार की मदद से लागू की जाएंगी, ताकि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को और मज़बूत किया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि “इस साल के अंत तक दिल्ली में करीब 5,500 बसें सक्रिय रखी जाएंगी और 2026 तक यह संख्या 11,000 तक पहुंचाई जाएगी। साथ ही, बस रूट्स की पुन: समीक्षा की जाएगी ताकि सिस्टम की खामियों को दूर किया जा सके।”
फिलहाल दिल्ली में 2,152 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हो रही हैं, जिनमें से 1,752 दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) के तहत और 400 DIMTS-क्लस्टर योजना के तहत चलाई जा रही हैं।
इस नई पहल के साथ, दिल्ली का लक्ष्य है कि वह देश की अग्रणी ग्रीन मोबिलिटी राजधानी बने और सार्वजनिक परिवहन को अधिक टिकाऊ, सुलभ और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जा सके।