
रिफेक्स इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिफेक्स ग्रीन मोबिलिटी ने जेनसोल इंजीनियरिंग से 2,997 इलेक्ट्रिक वाहनों के अधिग्रहण का प्रस्ताव वापस ले लिया है। 28 मार्च को कंपनी की फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी गई, जिसमें कहा गया कि दोनों कंपनियों ने ‘दोनों पक्षों की बदलती प्रतिबद्धताओं’ के कारण यह डील न करने का फैसला किया है।
"यह निर्णय दोनों पक्षों की बदलती प्रतिबद्धताओं के कारण लिया गया है, जिससे इस डील को निर्धारित समय सीमा में पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता था। इसलिए, दोनों पक्षों ने फिलहाल डील को आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया है।"
गौरतलब है कि 16 जनवरी को रिफेक्स ग्रीन मोबिलिटी (Refex Green Mobility) ने जेनसोल (Gensol) के साथ करीब 315 करोड़ रुपये मूल्य के 2,997 इलेक्ट्रिक वाहनों के हस्तांतरण के लिए रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी। इस डील के तहत, Refex इन वाहनों को BluSmart को लीज पर देने वाली थी। बता दें कि BluSmart, Gensol Engineering के प्रमोटर्स द्वारा स्थापित की गई है।
हालांकि, 25 मार्च को Refex Green Mobility ने उन दावों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि "जब तक अधिग्रहण पूरा नहीं हो जाता, ईवी संपत्तियां Gensol के स्वामित्व में बनी रहेंगी और BluSmart प्लेटफॉर्म पर परिचालित होंगी।"
पिछले कुछ दिनों से Gensol Engineering के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। कंपनी की ऋण भुगतान देरी को लेकर कई रेटिंग एजेंसियों ने डाउनग्रेड किया है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा, कंपनी ऋण भुगतान से जुड़े दस्तावेजों में हेरफेर के आरोपों का भी सामना कर रही है। हालांकि, Gensol ने इन आरोपों को खारिज करते हुए आंतरिक जांच शुरू की है।
जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर 28 मार्च को 5% गिरकर 185 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। यह लगातार चौथा सत्र था जब शेयर लोअर सर्किट पर पहुंचा। बीते एक महीने में Gensol के शेयर 66% तक गिर चुके हैं, जबकि पिछले छह महीनों में 78% की गिरावट दर्ज की गई है।
इसके अलावा, Refex Industries के शेयरों में भी गिरावट देखी गई, जो 28 मार्च को 2% गिरकर 378 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए।