
ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड ने बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप चारा टेक्नोलॉजीज के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस सहयोग के तहत दोनों कंपनियां रेयर-अर्थ-फ्री सिंक्रोनस रेलक्टेंस मोटर्स और कंट्रोलर्स का निर्माण करेंगी। यह उत्पादन ग्रीव्स के शेंद्रा (औरंगाबाद) स्थित अत्याधुनिक प्लांट में किया जाएगा।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य ईवी उद्योग में सप्लाई चेन की कमजोरियों को दूर करना और टिकाऊ समाधानों को बढ़ावा देना है। चारा की तकनीक में रेयर-अर्थ मैग्नेट्स की आवश्यकता नहीं होती, जो आमतौर पर महंगे और पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। कंपनियों का कहना है कि यह तकनीक 50% तक ऊर्जा की बचत और लगभग 30% तक CO2 उत्सर्जन में कमी ला सकती है।
समझौते के तहत, ग्रीव्स विशेष रूप से इन मोटर्स और कंट्रोलर्स का उत्पादन करेगा, जिनका उपयोग L5 थ्री-व्हीलर्स, गोल्फ कार्ट्स और फोर-व्हीलर्स जैसे वाहनों में किया जाएगा। इसमें चारा टेक्नोलॉजीज की तकनीकी विशेषज्ञता और ग्रीव्स की उन्नत मैन्युफैक्चरिंग और R&D क्षमताओं का बेहतर तालमेल देखने को मिलेगा।
ग्रीव्स कॉटन के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अरूप बसु ने कहा, "चारा टेक्नोलॉजीज के साथ हमारी साझेदारी स्थायी गतिशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सहयोग हमारी दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप है, जिसमें हम उभरती तकनीकों को अपनाकर मैन्युफैक्चरिंग उत्कृष्टता और सप्लाई चेन में मजबूती लाना चाहते हैं।"
चारा टेक्नोलॉजीज के फाउंडर और सीईओ भक्ता केशवाचार ने कहा, "ग्रीव्स जैसी अनुभवी कंपनी के साथ जुड़कर हम अपने इनोवेशन को बड़े स्तर पर लागू कर सकते हैं। यह सहयोग भारत में क्लीन मोबिलिटी को गति देने में अहम भूमिका निभाएगा।"
वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग वर्तमान में सप्लाई चेन संकट, श्रमिकों की कमी और नियामकीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। रेयर-अर्थ-फ्री मोटर्स जैसी इनोवेशन इन समस्याओं का समाधान बन सकती हैं।
ग्रीव्स कॉटन अपने पारंपरिक डीजल इंजन कारोबार से आगे बढ़कर अब एक कंप्रीहेंसिव मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है। कंपनी के पास पाँच प्रमुख बिजनेस यूनिट्स हैं: ग्रीव्स इंजीनियरिंग, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीव्स रिटेल, ग्रीव्स फाइनेंस और ग्रीव्स टेक्नोलॉजीज।
वहीं, नवंबर 2019 में स्थापित चारा टेक्नोलॉजीज सस्टेनेबल इलेक्ट्रिक मोटर सिस्टम्स के विकास में विशेषज्ञता रखती है, जिनका उपयोग ऑन-हाईवे, ऑफ-हाईवे, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है।
यह साझेदारी भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम को और मजबूत करने की दिशा में एक और अहम कदम है, जिससे देश फॉसिल फ्यूल और इम्पोर्टिड कंपोनेंट पर निर्भरता कम कर घरेलू तकनीकी क्षमताओं को बढ़ावा दे सकेगा।