
टेस्ला की भारत में बहुप्रतीक्षित एंट्री अभी भी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि देश की ऊंची इंपोर्ट ड्यूटी कंपनी के लिए सबसे बड़ी रुकावट बनी हुई है। टेस्ला के सीएफओ वैभव तनेजा ने हाल ही में कंपनी की पहली तिमाही की अर्निंग रिपोर्ट के बाद विश्लेषकों को बताया कि भारत एक "कठिन बाजार" है और कंपनी इस दिशा में बेहद सतर्क कदम उठा रही है। तनेजा ने कहा कि भारत में किसी भी टेस्ला कार पर 70% इंपोर्ट टैक्स और 30% लग्जरी टैक्स लगता है, जिससे कार की कीमत दोगुनी हो जाती है।
टेस्ला फिलहाल भारत में स्थानीय निर्माण की कोई योजना नहीं बना रही है और तब तक कोई नई फैक्ट्री लगाने की बात नहीं कर रही है जब तक ग्लोबल बिक्री 3 मिलियन यूनिट्स तक न पहुंच जाए। हालांकि कंपनी भारत को एक संभावनाओं से भरपूर बाजार मानती है और जून 2025 में आने वाले लो-कॉस्ट वेरिएंट से रणनीति में बदलाव की संभावना जताई गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत सरकार इंपोर्ट ड्यूटी में छूट देती है, तो टेस्ला बिना मैन्युफैक्चरिंग कमिटमेंट के भी भारत में प्रवेश कर सकती है।
टेस्ला ने भारत में अपनी मौजूदगी मजबूत करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कंपनी ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स और दिल्ली के एरोसिटी में करीब 5,000 वर्गफुट के शोरूम के लिए स्थान सुरक्षित किया है। फरवरी 2025 में मुंबई वाले शोरूम के लिए पांच साल का लीज एग्रीमेंट साइन किया गया है, जबकि कंपनी ने भारत में सेल्स और ऑपरेशंस टीम के लिए हायरिंग भी शुरू कर दी है।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद 2025 में भारत दौरे की पुष्टि की है। हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत में तकनीकी सहयोग और इनोवेशन पर चर्चा हुई, लेकिन टेस्ला की एंट्री को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। फिलहाल टेस्ला की भारत में एंट्री “कब” होगी, इसका उत्तर भारत सरकार की नई ईवी नीति और इंपोर्ट ड्यूटी पर आने वाले फैसलों पर निर्भर करेगा।