
भारत की प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) में से एक, उषा फाइनेंशियल महिलाओं को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। कंपनी ने अब तक अपने कुल उधारकर्ताओं में 80% से अधिक महिलाओं को शामिल किया है, जिससे उनके छोटे व्यवसायों को मजबूती मिल रही है और उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।
उषा फाइनेंशियल (Usha Financials) ने अपनी स्थापना से अब तक लगभग ₹400 करोड़ के ऋण वितरित किए हैं, जिससे देशभर में 90,000 से अधिक महिला उद्यमियों को लाभ हुआ है। ये MSME ऋण महिलाओं को उनके व्यवसायों की स्थापना और विस्तार में मदद कर रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपने परिवारों का आर्थिक उत्थान कर रही हैं।
कंपनी से ऋण प्राप्त करने वाली कई महिलाओं ने टेलरिंग शॉप, ब्यूटी सैलून, होम-फूड बिजनेस और रिटेल आउटलेट जैसे सफल व्यवसाय खड़े किए हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि वित्तीय सहयोग से जीवन में बदलाव संभव है। ये महिलाएं न सिर्फ अपने लिए आजीविका कमा रही हैं बल्कि अपने समुदायों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही हैं।
उषा फाइनेंशियल की सीईओ, गीता गोस्वामी ने कहा,"हमारा विश्वास है कि वित्तीय सहायता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया जा सकता है। हमारे एमएसएमई लोन हजारों महिला उद्यमियों के लिए गेम-चेंजर साबित हुए हैं, जिन्होंने अपने सपनों को साकार किया है। हम उनके विकास में योगदान देकर गर्व महसूस कर रहे हैं और आगे भी उन्हें बेहतर संसाधन उपलब्ध कराते रहेंगे।"
उषा फाइनेंशियल का उद्देश्य महिलाओं के लिए वित्तीय बाधाओं को कम करना और उन्हें व्यवसाय बढ़ाने के लिए उपयुक्त वित्तीय साधन उपलब्ध कराना है। कंपनी के आसान और प्रभावी एमएसएमई लोन न केवल छोटे व्यवसायों को सपोर्ट दे रहे हैं, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक प्रगति को भी गति दे रहे हैं।