
ज़ुपेरिया ऑटो प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में लोहिया ऑटो इंडस्ट्रीज) ने इलेक्ट्रिक कचरा संग्रहण और कार्गो वाहनों के क्षेत्र में अपने संचालन का विस्तार करने की घोषणा की है। कंपनी को दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC) से बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के लिए 40 इलेक्ट्रिक कचरा संग्रहण वाहनों की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है।
कंपनी ने हाल ही में पुनर्गठन के बाद दो ब्रांड्स के तहत काम शुरू किया है—‘योधा’ ब्रांड संस्थागत ग्राहकों के लिए और ‘लोहिया’ ब्रांड प्रीमियम सेगमेंट के लिए होगा। ज़ुपेरिया काशीपुर स्थित अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की उत्पादन क्षमता बढ़ा रही है और योधा ब्रांड के तहत नए इलेक्ट्रिक लोडर और कार्गो वाहनों की रेंज लॉन्च करने की तैयारी में है।
कंपनी के सीईओ आयुष लोहिया ने कहा, "ईवी स्पेस में असली अवसर पर्सनल मोबिलिटी से परे है। शहरों में डीजल वाहनों पर बढ़ती रोक और नगर निगमों पर स्वच्छ मोबिलिटी अपनाने का दबाव इलेक्ट्रिक कार्गो और कचरा संग्रहण वाहनों को प्राथमिकता क्षेत्र बना रहा है।"
भारत में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर सेगमेंट में 2024 में लगभग 6.94 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18% की वृद्धि है। इसमें कार्गो सेगमेंट ने खासतौर पर 45% साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की, जिसे ई-कॉमर्स और लास्ट माइल डिलीवरी की बढ़ती मांग से बल मिला है।
ज़ुपेरिया ने पहले ही दिल्ली-एनसीआर, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपने इलेक्ट्रिक कचरा संग्रहण वाहनों को तैनात किया है। विश्लेषकों का अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में कार्गो और यूटिलिटी ईवी सेगमेंट का बाजार लगभग 93,000 यूनिट्स का है, जो अगले 4-5 वर्षों में 1.5 लाख यूनिट्स से अधिक हो सकता है।
कंपनी ने कहा है कि उसका प्रतिस्पर्धात्मक लाभ इन-हाउस रिसर्च और डेवलपमेंट, समर्पित निर्माण इकाइयों और संस्थागत आवश्यकताओं के अनुसार कस्टमाइज्ड वाहन डिजाइन करने की क्षमता में निहित है।