उद्योग संघों ने सरकार से GeM पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और इसके दायरे को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ ही, आगामी Union Budget 2025 में लाइसेंस और परमिट प्राप्त करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम पेश करने की सिफारिश भी की गई है।
मध्य प्रदेश में लघु उद्योग भारती के फॉर्मर प्रेसिडंट महेश गुप्ता ने कहा, "GeM पोर्टल के पंजीकरण को उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना चाहिए और एमएसएमई को नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए इसका विस्तार किया जाना चाहिए। एमएसएमई इकाइयों के लिए तकनीकी उन्नति में सहायता करने के लिए एक समर्पित फंड का निर्माण किया जाना चाहिए।"
संघों ने माइक्रो, छोटे और मझोले उद्योगों के लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए तकनीकी सपोर्ट और देशभर में इनक्यूबेशन केंद्रों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की। इसके अलावा, ITIs में उद्योगों की जरूरतों के अनुसार ट्रेनिंग कोर्स को अपडेट करने और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव भी दिया गया।
वहीं, मालवा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, मध्य प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष, वीरेंद्र पोर्वाल ने कहा, "विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के बाहर निर्यात करने वाली इकाइयों को भी SEZ जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। सरकार को IITs और सरकारी संस्थाओं को एमएसएमई इकाइयों को तकनीकी गाइडेंस देने के लिए शामिल करना चाहिए।"
उद्योगों ने जीएसटी दरों को घटाकर 12 प्रतिशत और 5 प्रतिशत करने की मांग की है, साथ ही बैंकों से उद्योगों के लिए बिना सुरक्षा के और सरल ऋण प्राप्ति की भी सिफारिश की है। इसके अलावा, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार से सौर प्रणाली स्थापना पर 20 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी मांग की गई है।