
ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स पर केंद्रित प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत ₹73.74 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि की मंजूरी दी गई है। यह जानकारी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड द्वारा की गई एक नियामक फाइलिंग में दी गई, जिससे कंपनी इस योजना के तहत प्रोत्साहन पाने वाली पहली दोपहिया वाहन निर्माता बन सकती है।
कंपनी के अनुसार, "₹73,74,36,612/- (तिहत्तर करोड़ चौहत्तर लाख छत्तीस हजार छह सौ बारह रुपये) की राशि वित्त वर्ष 2023-24 की निर्धारित बिक्री मूल्य के आधार पर मंजूर की गई है, जो PLI-ऑटो योजना की मौजूदा शर्तों के अनुसार है।"
भारत में EV मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा बढ़ावा
यह प्रोत्साहन राशि ओला इलेक्ट्रिक की वित्त वर्ष 2023-24 में बिक्री परफॉरमेंस के आधार पर दी गई है और यह योजना डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की सरकार की पहल से जुड़ी है।
पीएलआई योजना की शुरुआत 2020 में हुई थी, जिसे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए पेश किया गया था और बाद में इसे 13 प्रमुख क्षेत्रों में विस्तारित किया गया, जिसमें ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स भी शामिल हैं। 1.97 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट वाली इस योजना का उद्देश्य घरेलू उत्पादन बढ़ाना, निवेश आकर्षित करना, निर्यात को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना और भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को मजबूत करना है।
सितंबर 2021 में मंजूर हुई PLI-ऑटो योजना के तहत 25,938 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह योजना विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन (EV), हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन और उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी से संबंधित मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
कैसे तय होता है PLI इंसेंटिव?
PLI-ऑटो योजना में दो प्रमुख श्रेणियों को लाभ मिलता है:
- चैंपियन ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) – जो उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी वाले वाहन बनाते हैं।
- कंपोनेंट चैंपियंस – इसमें उच्च-मूल्य वाले ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियां और गैर-ऑटोमोटिव कंपनियां शामिल हैं।
इस योजना के तहत निर्माताओं को बैटरी क्षमता, वाहन की रेंज और स्थानीयकरण स्तर के आधार पर इंसेंटिव दिया जाता है। इसके लिए कंपनियों को न्यूनतम निवेश मानदंड और घरेलू मूल्यवर्धन की शर्तें पूरी करनी होती हैं।
PLI योजना से भारत का EV सेक्टर होगा मजबूत
ओला इलेक्ट्रिक को मिली यह 73.74 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि इस योजना की सफलता को दर्शाती है और भारत में सतत परिवहन (Sustainable Mobility) को गति देने में मदद करेगी।
सरकार की इस पहल से स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा, आयात पर निर्भरता घटेगी, और उन्नत ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के लिए एक मजबूत ईकोसिस्टम तैयार होगा। इसके अलावा, भारत को ऑटोमोटिव निर्माण में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाने की दिशा में भी यह योजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पीएलआई -ऑटो योजना में बढ़ती ऑटोमोबाइल कंपनियों और नए ईवी निर्माताओं की भागीदारी से भारत का ऑटोमोटिव सेक्टर आने वाले वर्षों में एक नई दिशा में आगे बढ़ेगा।