
नई दिल्ली स्थित खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन मनोज कुमार ने वित्त वर्ष 2024-25 की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2025 से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 20% की वृद्धि की जाएगी। वर्तमान में कत्तिनों( स्पिनर) को प्रति लच्छा कताई पर 12.50 रुपये मिलते हैं, जिसे बढ़ाकर 15 रुपये किया जाएगा।
कुमार ने ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी क्रांति ने कारीगरों के जीवन में व्यापक बदलाव किया है। पिछले 11 वर्षों में खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 275% की वृद्धि की गई है। इसके अलावा, प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान राष्ट्रीय स्तर की खादी और ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में 12.02 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक बिक्री दर्ज की गई।
प्रधानमंत्री के 'खादी फॉर फैशन' मंत्र को आगे बढ़ाने के लिए केवीआईसी ने नागपुर, पुणे, वडोदरा, चेन्नई, जयपुर, प्रयागराज सहित प्रमुख शहरों में खादी फैशन शो का आयोजन किया। इन प्रयासों से खादी अब आधुनिक परिधानों में अपनी नई पहचान बना रही है और युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय हो रही है।
कुमार ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 5 गुना बढ़कर 1,55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जबकि खादी वस्त्रों की बिक्री 1,081 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,496 करोड़ रुपये हो गई है। इस दौरान 10.17 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में खादी अब सिर्फ एक वस्त्र नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण का आधार बन गई है।