
भारत के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने टाटा मोटर्स द्वारा विकसित हाइड्रोजन-संचालित हेवी-ड्यूटी ट्रकों के पहले परीक्षणों को हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर नितिन गडकरी ने कहा, "हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और यह भारत के परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह पहल हमारे लॉजिस्टिक्स सिस्टम को अधिक टिकाऊ और ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगी, जिससे भारत कम कार्बन उत्सर्जन वाले भविष्य की ओर बढ़ेगा। टाटा मोटर्स को इस महत्वपूर्ण कदम के लिए बधाई।"
प्रल्हाद जोशी ने इस पहल को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का एक अहम हिस्सा बताते हुए कहा, "भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और शून्य-कार्बन भविष्य की दिशा में यह परीक्षण एक बड़ा कदम है। हाइड्रोजन ईंधन लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
24 महीने चलेगा परीक्षण, प्रमुख मार्गों पर होगा ट्रकों का संचालन
यह ऐतिहासिक परीक्षण नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लंबी दूरी की ढुलाई में हाइड्रोजन चालित वाहनों की व्यावसायिक व्यवहार्यता का आकलन करना और आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है।
यह परीक्षण 24 महीने तक चलेगा, जिसमें 16 हाइड्रोजन-संचालित ट्रकों को मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर जैसे प्रमुख मालवाहक मार्गों पर तैनात किया जाएगा। इन ट्रकों में हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन (H₂-ICE) और ईंधन सेल (H₂-FCEV) तकनीकों का उपयोग किया गया है।
टाटा मोटर्स के एगजीक्यूटीव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा, "हमें गर्व है कि हम भारत के हरित और संधारणीय परिवहन को नया रूप देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यह पहल लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में स्वच्छ और शून्य-उत्सर्जन ऊर्जा को बढ़ावा देगी।"
यह परीक्षण भारत के दीर्घकालिक हरित ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को कार्बन-मुक्त बनाने की दिशा में बेहतर पहुंच साबित करेगा।