
आंध्र प्रदेश ने दुनिया की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला को राज्य में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य की इकोनॉमिक डेवलपमेंट बोर्ड (EDB) टेस्ला के लिए आंध्र प्रदेश को एक आदर्श स्थान के रूप में प्रस्तुत कर रही है, जहां बेहतरीन पोर्ट कनेक्टिविटी और पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।
राज्य के मंत्री नारा लोकेश ने अक्टूबर 2024 में अमेरिका दौरे के दौरान टेस्ला के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) वैभव तनेजा से मुलाकात की थी, जिसके बाद से दोनों पक्षों के बीच संवाद जारी है। इस बैठक के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलन मस्क के बीच हुई चर्चाओं तथा टेस्ला की भारत में भर्ती प्रक्रिया को देखते हुए आंध्र प्रदेश ने अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं।
राज्य सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज तैयार किया है, जिसमें टेस्ला को भूमि की उपलब्धता जैसे विशेष लाभ दिए जाएंगे। शुरुआती दौर में, टेस्ला वाहनों के आयात पर ध्यान केंद्रित कर सकती है और बाद में पूर्ण मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने पर विचार कर सकती है।
एक सूत्र ने बताया कि राज्य के पोर्ट्स टेस्ला को वाहनों के आयात में मदद करेंगे, और यदि कंपनी दक्षिणी आंध्र प्रदेश में प्लांट स्थापित करती है, तो उसे ऑटो कंपनियों, बैटरी निर्माताओं और सहायक आपूर्तिकर्ताओं का तैयार इकोसिस्टम मिलेगा।
आंध्र प्रदेश सरकार दक्षिण भारत के ईवी बाजार की अहमियत को भी प्रमुखता से उजागर कर रही है। यह क्षेत्र देश के कुल इलेक्ट्रिक कार बाजार का लगभग 60% हिस्सा रखता है, जिसमें केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में जबरदस्त मांग है।
यह पहली बार नहीं है जब आंध्र प्रदेश ने टेस्ला को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया है। वर्ष 2017 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने टेस्ला के साथ एक समझौता (MoU) किया था, जिसके तहत रेयलसीमा क्षेत्र में दो सोलर एनर्जी स्टोरेज यूनिट्स के लिए टेस्ला तकनीकी सहयोग देने पर सहमत हुई थी।