
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एमएसएमई और स्टार्टअप सपोर्ट पैकेज की घोषणा की है। कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई MSME विकास नीति-2025 के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
नई नीति के तहत MSMEs को 40 प्रतिशत तक का निवेश प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि SC/ST और महिला उद्यमियों को 48 प्रतिशत तक की सहायता दी जाएगी। पिछड़े विकास खंडों में स्थापित इकाइयों को ₹1.3 करोड़ तक की सहायता प्राप्त होगी।
निर्यात उन्मुख MSMEs के लिए 52 प्रतिशत तक निवेश सहायता दी जाएगी, जो 2 करोड़ रुपये तक सीमित होगी। साथ ही, निर्यात प्रमाणन के लिए ₹50 लाख तक की सहायता भी प्रदान की जाएगी।
रोजगार बढ़ाने के लिए 100 से अधिक नौकरियां देने वाली मध्यम श्रेणी की इकाइयों को प्रत्येक कर्मचारी के लिए ₹5,000 प्रतिमाह की सहायता पांच वर्षों तक दी जाएगी। इसके अलावा, कर्मचारियों के कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए ₹13,000 प्रति व्यक्ति की विशेष सहायता मिलेगी। मेडिकल उपकरण और फुटवियर निर्माण से जुड़े MSMEs के लिए अतिरिक्त सहायता पैकेज की घोषणा की गई है।
एमएसएमई नीति के साथ ही सरकार ने मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति और कार्यान्वयन योजना-2025 भी पेश की है। इस नीति का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में राज्य में स्टार्टअप्स की संख्या को 5,000 से बढ़ाकर 10,000 करना है।
राज्य सरकार स्टार्टअप्स और इनक्यूबेटरों को वित्तीय और गैर-वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। साथ ही,PPP मॉडल पर एक प्रमुख मेगा इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसे राज्यभर में सैटेलाइट केंद्रों के माध्यम से विस्तारित किया जाएगा।
इस नीतिगत फैसले से एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर खुलेंगे, निवेश बढ़ेगा और राज्य की औद्योगिक प्रगति को गति मिलेगी। सरकार के इस कदम से नवाचार, रोजगार और निर्यात को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना है।