पीएम विश्वकर्मा योजना के 100 लाभार्थियों को गणतंत्र दिवस परेड 2025 में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने का मौका मिलेगा। ये लाभार्थी अपने जीवनसाथी के साथ नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनेंगे। यह पहल कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने और उनकी उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना को 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य 18 पारंपरिक कौशल से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करना है, जो स्वरोजगार कर रहे हैं या छोटे उद्यम चला रहे हैं। अब तक इस योजना के तहत 26.87 लाख लाभार्थी सफलतापूर्वक पंजीकृत हो चुके हैं। यह योजना वित्तीय सहायता, कौशल विकास और अन्य लाभ देकर इन कारीगरों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है।
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले लाभार्थी देश के विभिन्न राज्यों, पूर्वोत्तर क्षेत्रों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों से आएंगे। इनमें 37 महिलाएं भी शामिल हैं, जो अपने कौशल के माध्यम से समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही हैं। कई लाभार्थी आकांक्षी जिलों से भी हैं, जो इस योजना की व्यापक पहुंच और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
सरकार का यह कदम पारंपरिक कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने और उनके योगदान को सम्मानित करने का प्रतीक है। यह योजना न केवल इन कारीगरों के जीवन में सुधार कर रही है, बल्कि भारत की समृद्ध हस्तकला और शिल्प परंपरा को भी संरक्षित कर रही है। गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण आयोजन में इन्हें शामिल करना, इन्हें प्रेरणा और गर्व का अनुभव कराने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
पीएम विश्वकर्मा योजना ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए बेहतर आजीविका के अवसर और बाजार तक पहुंच के नए रास्ते खोले हैं। गणतंत्र दिवस परेड में इन्हें आमंत्रित करना उनके योगदान को मान्यता देने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। यह योजना हर विश्वकर्मा को स्थायी विकास और सफलता की राह पर आगे बढ़ाने की सरकार की दृष्टि का प्रतीक है।