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- बैंगलोर मेट्रो पर ईवी बैटरी स्वैपिंग सेवा शुरू, लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बढ़ावा
बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (बीएमआरसीएल) ने सन मोबिलिटी के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत मेट्रो स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। यह पहल यात्रियों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और टिकाऊ शहरी परिवहन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है। इस योजना के तहत हजारों वाहन पहले ही इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं, और इसे शहरभर में विस्तार करने की योजना है।
बीएमआरसीएल और सन मोबिलिटी ने बैंगलोर के 69 मेट्रो स्टेशनों पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन लगाने का निर्णय लिया है। ये स्टेशन मुख्य रूप से पार्किंग क्षेत्रों और ऑटो स्टैंड्स में स्थित होंगे, जहां दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए सुविधाजनक बैटरी स्वैपिंग सेवा उपलब्ध होगी। यह सेवा मेट्रो स्टेशनों तक आने-जाने को अधिक टिकाऊ और किफायती बनाएगी। वर्तमान में, सात मेट्रो स्टेशनों पर ये स्टेशन काम कर रहे हैं, और 12 अन्य स्टेशनों पर जल्द ही इनका शुभारंभ किया जाएगा। ये स्टेशन ग्रीन और पर्पल लाइन्स पर उच्च-यातायात क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से स्थापित किए गए हैं।
बीएमआरसीएल के मैनेजिग डायरेक्टर महेश्वर राव एम ने कहा,"बीएमआरसीएल टिकाऊ शहरी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सन मोबिलिटी के साथ हमारी साझेदारी लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाती है और ईवी उपयोगकर्ताओं के लिए अनूठा मूल्य प्रदान करती है। हमारा लक्ष्य इस पहल का शहरभर में विस्तार करना है, ताकि शहरी परिवहन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।"
सन मोबिलिटी के स्पोकपर्सन ने कहा "बीएमआरसीएल के साथ साझेदारी करना हमारे लिए सम्मान की बात है। हमारा बैटरी स्वैपिंग समाधान मेट्रो यात्रियों के लिए किफायती, भरोसेमंद और प्रदूषण-मुक्त कनेक्टिविटी प्रदान करता है। बीएमआरसीएल का ईवी अपनाने में प्रगतिशील दृष्टिकोण बेंगलुरु को स्वच्छ और हरित बनाने में योगदान देगा।"
पिछले एक महीने में इन स्टेशनों ने 19,000 वाहनों के लिए 1,25,000 किलोमीटर की यात्रा को सक्षम बनाया है। प्रत्येक स्टेशन औसतन 2,800 वाहनों की सेवा कर रहा है, जिसमें 2,300 दोपहिया और 500 तिपहिया वाहन शामिल हैं। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि यात्रियों के लिए सुविधाजनक और टिकाऊ परिवहन विकल्पों की मांग लगातार बढ़ रही है। यह पहल न केवल मेट्रो यात्रियों के सफर को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बनाएगी, बल्कि शहर में कार्बन उत्सर्जन को भी कम करेगी, जिससे बैंगलोर की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।