ग्रीनसेल मोबिलिटी की न्यूगो ने भारत की पहली इलेक्ट्रिक एसी स्लीपर बस सेवा लॉन्च कर दी है, जो अंतर-शहर रूटों पर संचालित होगी। कंपनी ने दिल्ली-अमृतसर, बेंगलुरु-चेन्नई और हैदराबाद-राजमंड्री जैसे प्रमुख मार्गों पर सेवा शुरू करने की योजना बनाई है।
इन बसों में 450 kWh की हाई-वोल्टेज बैटरी लगी है, जो एक बार चार्ज होने पर 350 किलोमीटर तक चल सकती है। फास्ट चार्जिंग तकनीक की मदद से यह दूरी 600 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है।
ग्रीनसेल मोबिलिटी के एमडी और सीईओ देवेंद्र चावला ने कहा कि यह लॉन्च भारत में सतत परिवहन (सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी ने सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ एक बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके।
सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं से लैस बसें
न्यूगो (NueGo) की ये इलेक्ट्रिक बसें भारत के पहले मोनोकोक चेसिस पर बनी हैं और इनमें यात्रियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक फीचर्स जोड़े गए हैं:
- आरामदायक स्लीपर बर्थ: बर्थ में बैक-रेस्ट सपोर्ट, यूएसबी चार्जिंग पोर्ट और नाइट रीडिंग लैंप की सुविधा
- सुरक्षा तकनीक: एबीएस ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), पूरी तरह एयर सस्पेंशन सिस्टम और रोलओवर संरचना
- सुरक्षा उपाय: सीसीटीवी निगरानी, जीपीएस ट्रैकिंग, ड्राइवर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट, और 80 किमी प्रति घंटे की स्पीड लिमिट
महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए NueGo ने 24x7 हेल्पलाइन और ‘पिंक सीट’ बुकिंग सुविधा भी प्रदान की है।
न्यूगो (NueGo) जल्द ही अपनी इलेक्ट्रिक स्लीपर बस सेवा को चेन्नई-मदुरै, विजयवाड़ा-विशाखापत्तनम और बेंगलुरु-मदुरै जैसे नए मार्गों पर भी शुरू करेगी। ये बसें रीजनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक का उपयोग करती हैं और किसी भी तरह का टेलपाइप उत्सर्जन नहीं करतीं, जिससे पर्यावरण को फायदा होगा।
ग्रीनसेल मोबिलिटी ने NueGo ब्रांड के तहत भारत के इलेक्ट्रिक इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट सेक्टर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। कंपनी का लक्ष्य इलेक्ट्रिक स्लीपर बस बाजार में अपनी पकड़ को और मजबूत करना और स्थायी यात्रा विकल्पों को बढ़ावा देना है।
भारत में इलेक्ट्रिक स्लीपर बसों की शुरुआत सार्वजनिक परिवहन में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन (EV) इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूती देगी। यह कदम देश में प्रदूषण कम करने की राष्ट्रीय पहल के अनुरूप है और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।