
मध्य प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए ईवी पॉलिसी 2025 पेश की है। इस नीति के तहत 5,000 से लेकर 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे प्रदेश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जा सके। यह नीति फिलहाल ड्राफ्ट स्टेज में है और जनता की राय के लिए खुली हुई है। सरकार का उद्देश्य इस पॉलिसी के ज़रिए ईवी को किफायती बनाना और पेट्रोल-डीजल वाहनों पर निर्भरता कम करना है।
इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक कार, दोपहिया, तिपहिया, बस, हल्के कमर्शियल वाहन (e-LCVs) और ई-साइकिल को सब्सिडी दी जाएगी। ई-कार पर 50,000 तक की सब्सिडी, ई-स्कूटर पर 10,000 तक, ई-रिक्शा पर 20,000 रुपये तक, ई-बसों पर 10 लाख रूपये तक और ई-साइकिल पर 5,000 तक की छूट मिलेगी। इसके अलावा, रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में 100% छूट और एक साल तक फ्री पार्किंग का लाभ भी दिया जाएगा।
इस योजना के लिए पूंजी जुटाने के लिए सरकार ने डीजल पर 10 पैसे प्रति लीटर का उपकर, 25 लाख रुपये से अधिक कीमत के पेट्रोल-डीजल वाहनों पर अतिरिक्त रोड टैक्स और 5 प्रमुख शहरों में ग्रीन ज़ोन नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान किया है। सरकार की योजना है कि 2030 तक प्रदेश में 15% चार पहिया, 40% दोपहिया, 70% तिपहिया, 40% बस और 15% हल्के कमर्शियल वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएं।
इस नीति के तहत भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन को ईवी मॉडल शहर बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगा, बल्कि वायु प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने में भी सहायक होगा। इस नीति से नए स्टार्टअप्स और कंपनियों को भी फायदा मिलेगा, जिससे मध्य प्रदेश देश का प्रमुख ईवी हब बन सकता है।