केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन की स्थापना की बात की। इस मिशन का उद्देश्य लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को जोड़कर भारत के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूत करना है। यह मिशन सरकार को नीति समर्थन, योजना कार्यान्वयन और निगरानी प्रदान करेगा।
इस मिशन का मुख्य ध्यान पांच अहम क्षेत्रों पर रहेगा:
1. व्यापार की सुगमता और लागत में सुधार
2. कामकाजी क्षमता के लिए तैयार युवा श्रमिक
3. एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझले उद्योग) क्षेत्र का विकास
4. प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और गुणवत्ता
5. स्वच्छ प्रौद्योगिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि भारत में सोलर पैनल, ईवी बैटरी, मोटर्स और अन्य पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों के निर्माण के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाया जाएगा। इसके माध्यम से घरेलू उत्पादों के मूल्यवर्धन में वृद्धि होगी।सरकार श्रम-सघन क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाएगी। साथ ही, भारत के फुटवियर और लेदर उद्योग की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और व्यापार में वृद्धि होगी।
केंद्रीय मंत्री ने भारत को 'वैश्विक खिलौना केंद्र' बनाने के लिए एक राष्ट्रीय खिलौना योजना का प्रस्ताव भी रखा। इस योजना से उच्च क्वालिटी वाले, पर्यावरण अनुकूल खिलौने बनेंगे जो 'मेड इन इंडिया' ब्रांड का हिस्सा होंगे।इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी सरकार के कदमों का विस्तार होगा। बिहार में एक नया खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित किया जाएगा, जो स्थानीय किसानों की आमदनी बढ़ाने और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर देने में मदद करेगा।