रेशम उद्योग में आत्मनिर्भरता की ओर कदम, मूगा और एरी सिल्क को मिलेगा बढ़ावा

रेशम उद्योग में आत्मनिर्भरता की ओर कदम, मूगा और एरी सिल्क को मिलेगा बढ़ावा

रेशम उद्योग में आत्मनिर्भरता की ओर कदम, मूगा और एरी सिल्क को मिलेगा बढ़ावा
SILKTECH 2025 अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन, जिसमें रेशम उद्योग की उभरती तकनीकों, शून्य वेस्ट प्रोडक्शन और वैश्विक बाजार में विस्तार पर चर्चा हुई। इस कॉन्फ्रेंस में 06 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और रेशम के नए अनुप्रयोगों पर विशेष जोर दिया गया।

 

केंद्रीय वस्त्र एवं विदेश राज्यमंत्री पबित्र मार्घेरिटा ने अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस - SILKTECH 2025 का उद्घाटन किया। यह कॉन्फ्रेंस भारत टेक्स 2025 के तहत आयोजित मेगा टेक्सटाइल इवेंट का हिस्सा है। Central Tasar Research & Training Institute, रांची (CSB-CTRTI) और सेंट्रल सिल्क टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSTRI) द्वारा वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

उद्घाटन समारोह में वस्त्र मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव, आईएएस भी उपस्थित रहीं। अपने संबोधन में पबित्र मार्घेरिटा ने पूर्वोत्तर भारत के अनूठे मूगा और एरी सिल्क की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने रेशम उद्योग में शून्य अपशिष्ट (Zero Waste) तकनीकों के महत्व को भी रेखांकित किया और प्रधानमंत्री के "गुणवत्तापूर्ण शोध और सहयोग" के माध्यम से वस्त्र उत्पादन एवं निर्यात को तीन गुना बढ़ाने के आह्वान को दोहराया।

वस्त्र मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव ने बताया कि सिल्क समग्र योजना के बाद से रेशम उत्पादन क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि रेशम के सह-उत्पादों (by-products) को मुख्यधारा में लाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत है।

सम्मेलन के दौरान "SILKTECH 2025 – सिल्क सेक्टर में उभरती तकनीकों" पर आधारित स्मारिका (Souvenir) और तकनीकी विवरणिका (Pradhyogiki Vivranak) का विमोचन किया गया। इसके अलावा, केंद्रीय रेशम बोर्ड के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और अन्य संगठनों व NGO के बीच 06 समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए।

कॉन्फ्रेंस में टेक्सटाइल के अलावा, रेशम के कॉस्मेटिक्स, फार्मा और अन्य क्षेत्रों में नए अनुप्रयोगों पर चर्चा की गई। वैश्विक बाजार की जरूरतों और स्थायी नवाचारों पर भी विचार किया गया, जिससे भारत को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar) बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।इस मौके पर संयुक्त सचिव (फाइबर्स) प्राजक्ता एल. वर्मा, संयुक्त सचिव  अजय गुप्ता और केंद्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी. शिवकुमार भी मौजूद रहे।

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