इलेक्ट्रिक वाहन

सभी पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशनों पर बैटरी स्वैपिंग को जोड़ने की अपील: पीयूष गोयल

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Jan 06, 2025 - 2 min read
सभी पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशनों पर बैटरी स्वैपिंग को जोड़ने की अपील: पीयूष गोयल image
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने EV चार्जिंग के साथ बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं जोड़ने की अपील की। CII-DPIIT बैठक में बैटरी स्वैपिंग के $20 बिलियन बाजार, 135 सेकंड में बैटरी बदलने की तकनीक और सुरक्षा मानकों पर चर्चा हुई। उद्योग ने सब्सिडी समानता की मांग उठाई।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की ओर बदलाव को तेज करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं के एकीकरण की अपील की है। गोयल ने ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को "जन आंदोलन" के रूप में विकसित करने के लिए एक व्यापक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

यह बैठक भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई। इसका उद्देश्य पूरे देश में मजबूत चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं को विकसित करने की रणनीतियों पर चर्चा करना था। गोयल ने कहा, "सभी पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशन और इसी तरह की जगहों पर बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग समाधान शामिल किए जाने चाहिए," जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित इंफ्रास्ट्रक्चर विकास सुनिश्चित हो सके।

बैठक में अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज, सन मोबिलिटी, एथर एनर्जी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टीवीएस मोटर कंपनी, हीरो मोटोकॉर्प, और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्योग के प्रमुखों ने बैटरी स्वैपिंग बाजार में तीव्र वृद्धि का अनुमान लगाया, जो 2030 तक $20 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है।

बैठक में हितधारकों ने बैटरी स्वैपिंग ईवी को समान सब्सिडी और प्रोत्साहन देने की मांग की ताकि फिक्स्ड-बैटरी ईवी निर्माताओं के साथ प्रतिस्पर्धा की समानता बनी रहे। बैटरी स्वैपिंग में तकनीकी प्रगति भी चर्चा का मुख्य केंद्र रही, जहां रोबोटिक्स जैसी तकनीकें केवल 135 सेकंड में बैटरी बदलने की क्षमता का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

हालांकि, उद्योग के प्रमुखों ने सुरक्षा उपायों पर जोर दिया और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) जैसे प्राधिकरणों से स्पष्ट मानक और जवाबदेही ढांचे की आवश्यकता बताई, ताकि उपयोगकर्ताओं का विश्वास सुनिश्चित किया जा सके।

बैठक में केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। यह सरकार की एक टिकाऊ ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पीयूष गोयल ने कहा कि ईवी  इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नीतिगत प्रावधानों से आगे बढ़कर एक सहयोगात्मक प्रयास बनना चाहिए, जिसमें उद्योग और आम जनता की भागीदारी शामिल हो।

 

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